उत्तर प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ा, तापमान में गिरावट और प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता

Photo Source :

Posted On:Tuesday, December 9, 2025

उत्तर भारत में सर्दियों ने जोर पकड़ लिया है और पहाड़ों की ठंडी हवाएं अब मैदानी इलाकों पर सीधा असर दिखा रही हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है, जहां न्यूनतम और अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शाम ढलते ही गलन बढ़ जाती है और सुबह की ठंडी हवा हड्डियां जमा देने वाली साबित हो रही है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए कोहरे और शुष्क मौसम की चेतावनी जारी की है।

अगले तीन दिन शुष्क रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार, 9 दिसंबर से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी दोनों संभागों में मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान सुबह और देर शाम छिछले से मध्यम कोहरे की संभावना बनी रहेगी। बुधवार और गुरुवार को भी ठंड और कोहरे के ही आसार हैं, हालांकि फिलहाल किसी मौसम संबंधी चेतावनी जारी नहीं की गई है।

13 दिसंबर को सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ

बीते कुछ दिनों में तापमान में तेजी से गिरावट आई है और अगले 48 से 72 घंटों में ठंड और अधिक बढ़ सकती है। 13 दिसंबर को नया पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा, जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हल्के बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस विक्षोभ के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट संभव है। ठंडी हवाएं और बढ़ेंगी तथा दिन के समय भी ठिठुरन महसूस हो सकती है।

लखनऊ और अयोध्या में बढ़ रही गलन

राजधानी लखनऊ में दिन के समय धूप निकलने से थोड़ी राहत जरूर है, लेकिन सुबह और रात में ठंड का प्रभाव काफी बढ़ जाता है। कई स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेने लगे हैं। रामनगरी अयोध्या में भी न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बीते 24 घंटों में यहां 6.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन का सबसे न्यूनतम स्तर है।

प्रदूषण ने और बिगाड़े हालात

ठंड के साथ उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण भी गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। नोएडा और गाजियाबाद लगातार प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में बने हुए हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति वाराणसी में दर्ज की गई, जहां शहरी क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 550 के पार पहुंच गया। यह स्तर न केवल अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है बल्कि पूरी आबादी के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

हालांकि पिछले हफ्ते वाराणसी में प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत देखी गई थी, लेकिन 8 दिसंबर को एक बार फिर हवा में धुंध और जहरीले कणों की मात्रा बढ़ गई। धुंध, निर्माण कार्य, घने ट्रैफिक, औद्योगिक धुएं और मौसम में नमी—ये सभी कारण प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारक माने जा रहे हैं। वाराणसी का लंका, भेलूपुर और अर्दली बाजार क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित बताए जा रहे हैं।

ठंड और प्रदूषण, दोहरी चुनौती

ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण ने लोगों के स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद महीन कण फेफड़ों और आंखों पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, वहीं ठंड से सांस की दिक्कत, ब्रोंकाइटिस और संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है। बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।


जोधपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Jodhpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.