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अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी, भारत के साथ साझेदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बीच एक और बड़ी भू-राजनीतिक हलचल देखने को मिली। अमेरिका ने अपनी नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी (NSS) जारी करते हुए पहली बार इतनी स्पष्टता के साथ भारत को एशिया में प्रमुख रणनीतिक शक्ति के रूप में केंद्र में रखा है। यह दस्तावेज़ न केवल अमेरिका की वैश्विक प्राथमिकताओं को दर्शाता है, बल्कि दुनिया की बदलती शक्ति संरचना और चीन के बढ़ते प्रभुत्व को भी चुनौती देता है।

भारत के साथ संबंधों को एक स्तर ऊपर ले जाने की घोषणा

इस रणनीति में कहा गया कि आने वाले वर्षों में अमेरिका, भारत के साथ रक्षा, व्यापार, तकनीक और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत और विस्तृत करेगा।
घोषणा में यह भी स्पष्ट किया गया:

  • भारत इंडो-पैसिफिक में स्थिरता और शक्ति संतुलन का केंद्रीय स्तंभ है

  • भारत की आर्थिक और सैन्य क्षमता एशिया के भविष्य को आकार देगी

  • अमेरिका भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीति Read more...

इस्लामाबाद धमाका: डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर फिदायीन हमला — 12 की मौत, 27 घायल

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर हुए भीषण धमाके ने देश को झकझोर दिया है। प्रारम्भिक खबरों के मुताबिक़ इस फिदायीन हमले में 12 लोगों की मौत हुई है और 27 अन्य घायल हैं। सुरक्षा बलों और रेस्क्यू टीमों ने घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया है जबकि खराब हालत वाले कुछ घायलों का इलाज चल रहा है।

घटना के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना के वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस धमाके को देश के लिए एक स्पष्ट “वेक अप कॉल” करार देते हुए कहा कि फिलहाल पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है। उनके अनुसार यह हमला केवल एकल घटना नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ चल रहे हिंसक अभियान का हिस्सा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “जो कोई भी यह सोचता है कि हमारी सेना सीमांत क्षेत्रों में यह जंग अकेले लड़ रही है, उसे आज के आत्मघाती हमले को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। यह पूरा पाकिस्तान है जो इस च Read more...

पुतिन का एक इशारा और एक्टिव हो जाती है 'किलिंग मशीन', धरती-आकाश-समुद्र छोड़िए, दुश्मन का दिमाग तक कर देती है सुन्न

रूस को एक सैन्य महाशक्ति के रूप में जाना जाता है, जिसकी वजह केवल उसके विशाल हथियार भंडार या परमाणु क्षमता तक सीमित नहीं है। रूस की वास्तविक ताकत उसकी बेहद अनुशासित और जटिल कमांड-स्ट्रक्चर में निहित है, जिसे अक्सर रूसी वॉर मशीन कहा जाता है। रूसी सेना की यह संरचना राजनीतिक नेतृत्व, सैन्य प्रशासन, रणनीतिक दिमाग और फील्ड फोर्सेज़—इन चार मुख्य शाखाओं के बीच नियंत्रित समन्वय पर आधारित है।

सेना का सुप्रीम कमांडर: राष्ट्रपति

रूस में सेना का अंतिम और सर्वोच्च नियंत्रण सीधे राष्ट्रपति के हाथों में होता है। रूसी संविधान उन्हें सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ घोषित करता है। उनकी भूमिका केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि वह सैन्य शक्ति का राजनीतिक केंद्र हैं।

राष्ट्रपति की भूमिकाएँ निम्नलिखित हैं:

  • युद्ध की घोषणा और समाप्ति: राष्ट्रपति ही तय कर सकते हैं कि युद्ध शुरू करना है या रोकना है।

  • सामरिक सैन्य नीति: देश की Read more...

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