मुंबई, 9 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) यह आम धारणा है कि फ्रिज का ठंडा पानी पीने, आइसक्रीम खाने या एयर कंडीशनर (AC) में बैठने से सर्दी-जुकाम हो जाता है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञ इस बात को सिरे से खारिज करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जुकाम होने का एकमात्र कारण वायरस (Viruses) है, न कि ठंड या ठंडे खाद्य पदार्थ।
वोक्हार्ट हॉस्पिटल्स, मुंबई सेंट्रल की कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, डॉ. रितुजा उगलमुगले ने इस धारणा को स्पष्ट करते हुए कहा, "विज्ञान सीधा है, भावनात्मक नहीं। राइनोवायरस (Rhinoviruses) जैसे वायरस जुकाम का कारण बनते हैं। ठंडा पानी, AC या बर्फीला वातावरण शरीर में वायरस पैदा नहीं कर सकते।"
ठंडे मौसम में लोग क्यों होते हैं ज़्यादा बीमार?
डॉक्टर ने बताया कि ठंडा मौसम सीधे तौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनता, बल्कि यह वायरस के फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा करता है:
- इनडोर जमावड़ा: सर्दियों में लोग अक्सर घरों के अंदर या बंद जगहों पर अधिक समय बिताते हैं, जहाँ कम वेंटिलेशन होता है। इससे खांसने या छींकने वाले व्यक्ति से वायरस बूंदों के माध्यम से तेजी से दूसरे व्यक्ति तक फैल जाता है।
- नासोफैरिंगियल सूखापन: ठंडी हवा से नाक की परत सूख जाती है, जिससे यह वायरस के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
ठंडी चीजें सिर्फ लक्षण बिगाड़ सकती हैं
डॉ. उगलमुगले ने स्पष्ट किया कि ठंडे पेय पदार्थ या AC की हवा आपके गले की संवेदनशीलता को अस्थायी रूप से बढ़ा सकती है, जिससे दर्द, जमाव या खांसी जैसे लक्षण अधिक महसूस हो सकते हैं। यह केवल असुविधा है, संक्रमण नहीं। बुखार, बदन दर्द या बहती नाक के पीछे असली वजह वायरस ही होता है।
जुकाम से बचने के लिए क्या करें?
जुकाम से बचने के लिए ठंडी चीजों से दूर रहने की बजाय, लोगों को वायरस के जोखिम को कम करने पर ध्यान देना चाहिए:
- हाथों की स्वच्छता (Hand Hygiene): बार-बार हाथ धोएँ।
- चेहरे को छूने से बचें: आँखें, नाक और मुँह को बार-बार छूने से बचें।
- भीड़ से दूरी: खांसने या छींकने वाले व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- अच्छा वेंटिलेशन: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
ये सरल उपाय ठंडे पेय से परहेज करने की तुलना में वायरस के संपर्क को कम करने में कहीं अधिक प्रभावी हैं।